Saturday, February 16, 2008

रचना को लौटाओं व संतोषी को न्‍याय दिलाओं संघर्ष अभियान

अब तक का घटनाक्रम -
5 फरवरी
सामाजिक संगठनों द्वारा प्रस्तावित धरना के ठीक दो दिन पहले 5 फरवरी को सामाजिक कार्यकर्ता वी0के0 राय की पुत्री रचना राय उम्र 20 वर्ष, काषी नरेश स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, भदोही में बी0ए0 द्वितीय वर्ष की छात्रा है, का दिनांक 5 फरवरी 2008 को कॉलेज जाते वक्त अपहरण हो गया।
5 फरवरी की रात को वी.के.राय व बाकि साथियों द्वारा ज्ञानपुर कोतवाली में रचना राय के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करायी।

6 फरवरी
6 फरवरी को वी.केराय व स्थानीय संगठनों, जिनमें जौनपुर, प्रतापगढ़, बनारस व इलाहाबाद के साथी भी शामिल थे, ने कचहरी, भदोही में इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और बाद में साथी अनशन में बैठ गये।

7 फरवरी
एसपी भदोही ने अनशन पर बैठे साथियों से अनशन इस आवश्‍वासन पर उठवा दिया कि वे 24 घंटे के अन्दर लड़की को बरामद कर देंगे। एसपी ने यह भी कहा कि अगर आप लोग अनशन पर बैठे रहेंगे तो हम अपनी पूरी ऊर्जा लड़की को बरामद कराने मे नहीं लगा पायेंगे।

7 फरवरी को ही मैसवा व अन्य संगठनों ने प्रदेश के बाकि जिलों में इसके खिलाफ़ विरोध दर्ज कराया और जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा

10 फरवरी
गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाष जायसवाल से संदीप पाण्डेय ने सम्पर्क किया, जिस पर गृह राज्य मंत्री ने तत्काल कार्यवाही करने की बात कही।

11 फरवरी
वी.के.राय के राय प्रशासन के रैवये से क्षुब्ध होकर आमरण अनषन पर 11 फरवरी को बैठ गये। उस दिन बाकि जिलों से कई सामाजिक संगठनों के लोग शामिल थे। लखनऊ से एक टीम संदीप पाण्डेय की अगुवाई में भदोही गयी। यह टीम एसपी व डीआईजी से मिली। एसपी व डीआईजी ने पुन: 24 घण्टे की मोहलत मांगी।

लखनऊ में एक टीम गृह सचिव से मिली, गृह सचिव ने तुरंत एसपी को फोन कर इस केस पर जल्द कार्यवाही की बात कही और संगठनों की ओर से गयी टीम को आवश्‍वासन दिया की जल्द ही हम केस को सुलझा लेंगे।

12 फरवरी
भदोही में लगातार बाकि जिलों से संगठन के लोग शामिल हो रहे थे, वहां पर वी.के.राय आमरण अनशन पर बैठे थे। लखनऊ में बाकि संगठनों इस केस में प्रशासन के असंवेदनशील रैवये से क्षुब्ध होकर अगले दिन इस घटना के विरोध में मौन जुलुस निकालने का निर्णय लिया।

13 फरवरी
पटेल पार्क, हजरतगंज में करीबन 100 साथी मौन जुलुस में शामिल थे। मौन जुलुस के दौरान प्रमुख सचिव ने संगठनों की ओर से टीम को मिलाने के लिए बुलावा भेजा। पर प्रमुख सचिव का रवैया बहुत ही असहयोगात्मक रहा। उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस इस काम में लगी हुई है। संगठनों की इस मांग को भी ठुकरा दिया कि एसपी भदोही को हटाकर किसी योग्य व निष्पक्ष व्यक्ति को इस केस की जिम्मेदारी दी जाये।

मौन जुलुस के बाद और प्रमुख सचिव के असहयोगात्मक रवैये को देख संगठनों ने इसे आंदोलन का रूप देते हुए रचना को लौटाओ संघर्ष अभियान के नाम से एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया है। और 14 फरवरी को एक प्रेस कांफ्रेस करने का निर्णय लिया।

14 फरवरी
अम्बेडकर महासभा में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गयी। जिसमें प्रसिद्व सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय, रूपरेखा वर्मा, अरूधंती धुरू, चितरंजन सिंह व जशोधरादासगुप्ता आदि ने मीडिया के साथी को अब तक हालात व आगे की रणनीति के बारे में बताया।

भदोही में बाकि सामाजिक कार्यकर्ताओं के दबाव के चलते वीकेराय ने आमरण अनशन तोड् दिया, अब यह आमरण अनशन क्रमिक आमरण अनशन की तरह चलाया जा रहा है।

15 फरवरी
इस दौरान भदोही के साथियों ने शहर के आम लोगों से अपील की वो भी इस लडाई में शामिल हों, जिसके चलते कल 15 फरवरी को वकीलों ने भदोही शहर में चक्‍का जाम लगाया। लखनउ से म‍हिला संगठनों की ओर से प्रतिनिधि मंडल भदोही गया है।

आज 16 फरवरी को ज्ञानपुर कॉलेज, जहां रचना पढती थी, वहां के छात्र व छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया। लखनउ में लखनउ विश्‍वविघालय में छात्र व छात्राओं ने भी प्रदर्शन किया, प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने युवा साथियों के बैनर व प्‍लेक कार्ड छिन लिये और उन्‍हें प्रदर्शन नहीं करने दिया। वहीं धरना स्‍थल में सामाजिक संगठनों ने आज से लखनउ में धरना शुरू कर दिया है, करीबन 50 लोग इससे शामिल थे। यह क्रमिशन धरना तब तक चलता रहेगा जब तक रचना की वापसी नहीं हो जाती और संतोषी को न्‍याय नहीं मिल जाता।
इस घटना में पुलिस की उदासीनता और आरोपियों के साथ मिलीभगत के चलते आज 12 दिन बीत जाने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चल सका है। अब तक प्रशासन की तरुफ से सिर्फ इतना हुआ कि भदोही शहर के कोतवाल को बदल दिया गया है।

सामाजिक व मानवाधिकार संगठनों ने प्रशासन के बनारस डी0आई0जी0 से लेकर, गृहसचिव व प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश तक न्याय के लिए गुहार लगाई, पर अभी तक कोई कार्यवाहीं नहीं हुई है।

आप सभी भदोही व लखनउ स्‍तर पर हो रहे विरोध में शामिल होकर इस अभियान को मदद करें।
अगर कुछ अपडेट छुट गया हो, तो कृपया उसे जोड दें।

Friday, February 8, 2008

एक अपील - सामाजिक कार्यकर्ता वी;के;राय व पुष्‍पा राय की बेटी के अपहरण मामले में सरकार पर दबाव बनाने हेतु आगे आयें

राय परिवार इस समय संकट की स्थिति में है, उनका परिवार बहुत टूट गया है, पूरा परिवार पिछले 4 दिन से सोया नहीं है, उनकी एक लड्की जो पिछले 4 दिन से कुछ खा तक नहीं रही थी, कल 8 तारीख की रात को उसे अस्‍पताल में भर्ती कराना पडा है।

आप सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील है कि इन सामाजिक कार्यकर्ताओं का साथ दे। आप अपने संबंधों के माध्‍यम से प्रशासन व पुलिस पर दबाव बनाकर लड्की को खोजने के लिए हर संभव मदद करें। इस घटना पर तुरंत कोई कार्यवाही करने में आपके विचार व सहयोग अपेक्षित है।

5 फरवरी 2008 को भदोही के संत रविदासनगर से वीकेराय व पुष्‍पा राय की 20 साल की बेटी का अपहरण हो गया, उनकी लड्की ज्ञानपुर में काशीनरेश राजकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविघालय में बीए द्वितीय वर्ष में पढ्ती है, रोजाना की तरह 5 फरवरी को वह कॉलेज के लिए 9 बजे घर से निकली थी, और उसके बाद घर के लौट के नहीं आयी। अंदेशा जताया जा रहा है कि लडकी का अपहरण हो गया है।

इस घटना को वी के राय और पुष्प राय द्वारा एक कालीन बुनकर की बेटी के यौनिक शोषण वहां के कालीन निर्माता के खिलाफ् उठाये के मुद्दे के साथ जोड् कर देखा जा रहा है। वी के राय और पुष्प राय दोनो इस कालीन बुनकर की लड़की को अधिकार व न्‍याय दिलाने के लिए सहयोग कर रहे थे, दिनांक 7 फरवरी २००८ को अन्य सामाजिक संगठनों के समर्थन से एक धरना प्रदर्शन की घोषणा भी की गयी थी. लेकिन धरने से ठीक दो दिन पहले वी के राय और पुष्प राय की ही बेटी का अपहरण हो गया.

5 फरवरी की शाम को इस घटना की रिपोर्ट कोतवाली ज्ञानपुर में सेक्शन ३०३ और ३६६ के तहत रजिस्टर करायी गयी। लेकिन आज 4 दिन बित जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। पुलिस पिछले दो दिन से आश्‍वासन दिये जा रही है कि आज शाम तक हम कोई न कोई सुराग ढूढ लेंगे, पर अभी तक बिटिया बरामद नहीं हुई है।