Friday, August 10, 2007

लोक अभ्‍युदय क्‍यों

मैसवा पिछले 5 सालों से जेण्‍डर समानता व महिला हिंसा के मुददे पर पुरूषों के साथ काम कर रहा है। मैसवा का मानना है कि महिला हिंसा सिर्फ महिलाओं का मुददा नहीं है, अपितु पूरे समाज का मुददा है। इसके लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा, जिसमें पुरूष अहम किरदार है।

मैसवा पिछले एक साल से एक मासिक अखबार लोक अभ्‍युदय का प्रकाशन कर रहा है। मैसवा से जुडे साथी इस अखबार को संचालित करते हैं। इस अखबार से ग्रामीण पत्र‍कार भी जुडे और आज राष्‍टीय अखबारों में जेण्‍डर द़ृष्टिकोण के साथ खबरें लिख रहे हैं।

लोक अभ्‍युदय इस लिए प्रकाशित किया जा रहा हैं कि आज आम अखबारों में सामाजिक संघर्षों के लिए कोई जगह नहीं हैं। लोक अभ्‍युदय उस कमी को पूरी करेगा। लोक अभ्‍युदय आम लोगों तक सामाजिक परिवर्तन व उसकी मुदद्दों की सार्थकता को ले जायेगा। लोक अभ्‍युदय जेण्‍डर समानता व समाजिक न्‍याय के इस संघर्ष व बहस में आम लोगों को जोडेगा। इन उददेश्‍यों के लिए लोक अभ्‍युदय की शुरूआत की।

लोक अभ्‍युदय उत्‍तर प्रदेश व उत्‍तरांचल के साथियों के मदद से आम लोगों तक इस अखबार को पहुंचाया जा रहा है, जिससे आम लोगों तक जेण्‍डर समानता की बात पहुंच सके। इस क्रम में हम इस अखबार को आप लोगों तक भी पहंचाना चाहते हैं और आप लोगों के भी सुझाव व लेख चाहते हैं, जो राष्‍टीय व अन्‍य स्‍तर पर चल रहे हैं।


1 comment:

ढाईआखर said...

ब्‍लॉग की दुनिया में आपका स्‍वागत है। आप इस पर जल्‍दी जल्‍दी पोस्‍ट दें ताकि आपके विचार जानने का मौका मिले। आपने एक बेहतर मुद्दे पर अपना ब्‍लॉग शुरू किया है। धन्‍यवाद।